tag:blogger.com,1999:blog-36839053.post6903241790080879890..comments2023-10-25T01:57:16.030-07:00Comments on चक्रधर की चकल्लस: Ashok Chakradharhttp://www.blogger.com/profile/09746363048746219100noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-55960579853170326982009-08-26T07:36:27.064-07:002009-08-26T07:36:27.064-07:00श्री मान अमित माथुर जी आपने गुरु जी के ब्लॉग पर टि...श्री मान अमित माथुर जी आपने गुरु जी के ब्लॉग पर टिप्पणी के बहाने अपना संदेश ही प्रकाशित कर दिया। खैर संदेश के लिए बधाई आपके गुरुदेव के इस शिष्य की ओर से।Sumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/06852765514850701581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-38103367246280594302009-08-26T07:34:49.113-07:002009-08-26T07:34:49.113-07:00This comment has been removed by the author.Sumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/06852765514850701581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-27327334200625618052009-08-14T01:47:27.215-07:002009-08-14T01:47:27.215-07:00जय गुरुदेव, जयजयवंती से लिए बधाई. एक व्यथा है पढिय...जय गुरुदेव, जयजयवंती से लिए बधाई. एक व्यथा है पढियेगा,<br /><br />मेट्रो स्टेशन की पार्किंग बंद है, लाल किले के आस-पास का एक किलोमीटर तक का इलाका बंद है. कनौट प्लेस की लगभग सभी बिल्डिंग्स में सुरक्षा के लिए की जाने वाली चेकिंग दुगुनी कर दी गयी है. सड़क पर जहाँ-तहां पुलिस और सीआरपीऍफ़ के जवान गश्त कर रहे हैं. दिल्ली के किसी भी संभ्रांत नागरिक को रोक कर तलाशी ली जा सकती है या सवाल-जवाब किया जा सकता है. सरकारी दफ्तर बंद हैं, जिसकी वजह से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आतंकवादी गतिविधि का ख़तरा लगातार दिल्ली के नागरिको और इमारतों पर बना हुआ है. सबसे बड़ी बात ये की अगर कोई बड़ा हासदा नहीं होता तो सोलह अगस्त के अख़बार में आपको कहीं ना कहीं ये हेडलाइन मिल जायेगी 'पुलिस ने ली राहत की सांस'.<br /><br />पंद्रह अगस्त यानि जश्न-ए-आजादी कुछ यही मंज़र सामने लाता है. अब आप खुद सोच सकते हैं इतनी मुसीबतों और तकलीफों को देखकर क्या हिंदुस्तान के नागरिक 'आजादी का जश्न' मना पाते हैं? आज हिंदुस्तान के कितने नागरिक हैं जो सचमुच किसी कौमी त्यौहार पर खुश होते हैं? अपनी कौम और उसकी अस्मत के लिए जान लगा देने वाले सिपाहियों के लिए सर्कार से दो पैसे नहीं निकलते मगर जब छब्बीस जनवरी की परेड निकालनी होती है तो करोडो रूपया बर्बाद कर दिया जाता है. <br /><br />मेरे विचार से हिंदुस्तान की आजादी जो आज से हजारो दिन पहले मिल चुकी है एक खूबसूरत लम्हा था जो हिन्दुस्तानियो के सीनों में हमेशा के लिए अमर हो चूका है. इस लम्हे को एक हसीं याद बना लेना चाहिए और हिंदुस्तान की तरक्की और बेहतरी के लिए काम करना चाहिए. -जय हिंद<br /><br />एक बार आर्शीवाद ज़रूर दीजियेगा. कमेन्ट कीजिये, ना कीजिये. पर ज़रूर पढियेगा. <br />http://dilliwala.wordpress.comअमित माथुरhttps://www.blogger.com/profile/10707264752320250136noreply@blogger.com