tag:blogger.com,1999:blog-36839053.post8741078893329794297..comments2023-10-25T01:57:16.030-07:00Comments on चक्रधर की चकल्लस: विश्व-प्रेम की दिशा में आगे बढ़ने की सीढ़ीAshok Chakradharhttp://www.blogger.com/profile/09746363048746219100noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-26121317792303686092010-05-02T01:09:14.439-07:002010-05-02T01:09:14.439-07:00मन ना रंगाए, रंगाए जोगी कपरा, आसन मारि मंदिर मा बइ...मन ना रंगाए, रंगाए जोगी कपरा, आसन मारि मंदिर मा बइठे, ब्रम्ह छांड़ि पूजन लगे पथरा। कनवा फड़ाय जोगी जटवा बढ़ौले, दाढ़ी बढ़ाय जोगी होई गइले बकरा। जंगल जाए जोगी धूनी रमौले, काम जराए जोगी होइ गइले हिजरा। कहहिं कबीर सुनो भाई साधो, जम दरवजवा बांधल जइबे पकरा।Ashok Chakradharhttps://www.blogger.com/profile/09746363048746219100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-15365582031970499082010-04-27T12:57:46.433-07:002010-04-27T12:57:46.433-07:00श्रधेय प्रणाम
बहुत शुक्रिया इस खूबसूरत पैगाम...श्रधेय प्रणाम<br /><br />बहुत शुक्रिया इस खूबसूरत पैगाम के लिए जिसका उन्वान ही मोहब्बत है .........<br /><br />राजीव कुलश्रेष्ट जी आदाब<br /><br /><br />गुस्ताखी मुआफ पर<br />ज़रा एक बार फिर इस लेख पर नज़र दलियेअ इसमें एक खूबसूरत लाइन है , मैं याद दिला देता हूँ<br /> हर चीज में बुराई देखना अच्छी बात नहीं होती है चचा<br /><br />और आप ka इतना बड़ा कमेन्ट यही दिखला रहा है की आपने सिर्फ negative mind set लेकर comment दिया .....<br /><br />अगर दोनों ने शादी कर ही ली तो किसके किसके घर की छत टपकने लगी और आप इल्म को सामने लेकर आ गये <br /><br />और हाँ वो धन मोहब्बत ही है जो हमेशा आपके साथ रहेगी हो सकता है इसके पर्याय कबीर ने कुछ और दिए हों और गर इसके अतिरिक्त कुछ है तो वो गलत है .....<br /><br />ये शीशा-ऐ - करागरी है जनाब<br /><br />एक मुझे शेर याद आ गया मेरा कि<br /><br />महब्बत कि कैसी अजब दास्ताँ है<br />हवा भी न माने , दिया भी न माने<br /><br />अब तो आप मन लीजिए .....मुआफ कीजिएगा कुछ गुस्ताखी हुई हो तोKALAAM-E-CHAUHANhttps://www.blogger.com/profile/15878123206322332136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-39541887537035024762010-04-27T12:29:12.575-07:002010-04-27T12:29:12.575-07:00This comment has been removed by the author.KALAAM-E-CHAUHANhttps://www.blogger.com/profile/15878123206322332136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-34430876933364859192010-04-26T13:23:30.517-07:002010-04-26T13:23:30.517-07:00waqt hi batayega.. hum kya batayen jiwaqt hi batayega.. hum kya batayen jiदीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-36623382753378700172010-04-25T14:11:13.237-07:002010-04-25T14:11:13.237-07:00Uttam drishtikon .. Umda lekhUttam drishtikon .. Umda lekhRishabhhttps://www.blogger.com/profile/14711748344384231633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-83110655722266874942010-04-25T03:00:31.110-07:002010-04-25T03:00:31.110-07:00" बढ़िया जनाब......"" बढ़िया जनाब......"Amitraghathttps://www.blogger.com/profile/13388650458624496424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-18308530458855176762010-04-25T02:29:42.242-07:002010-04-25T02:29:42.242-07:00गुरु जी आपका लेख अच्छा लगा...
सानिया के लिए कुछ ...गुरु जी आपका लेख अच्छा लगा... <br /><br />सानिया के लिए कुछ समय पहले दो लाइने लिखीं थीं...<br /><br />सानिया व शोएब में, होने चला निकाह<br />सुमित दुखी हो कर रहे, मिर्ज़ा को गुड-बाय॥<br /><br />वर्तमान में सानिया व शोएब के लिए उपयुक्त लाइने कुछ यूं है...<br /><br />राम मिलाये जोड़ी <br />एक अंधा, एक कोड़ीSumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/06852765514850701581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36839053.post-55878357921659965212010-04-24T07:23:21.252-07:002010-04-24T07:23:21.252-07:00चक्रधर जी आप साठ को क्रास
करने वाले हैं कलमें भी...चक्रधर जी आप साठ को क्रास<br />करने वाले हैं कलमें भी सफ़ेद होने<br />लगी होंगी आप कहाँ छोरा छोरी<br />के चक्कर में पङे है अब आगे का<br />रास्ता सुधार लें बहुत मौज मस्ती<br />हो गयी आपने शायद कबीर की<br />अनुराग सागर नहीं पङी जो आदमी<br />को हमेशा के लिये हिला देती है<br />कबिरा वो धन संचिये जो आगे कू होय<br />ये धन कौन सा है और कैसे मिलता है<br />ये आप मुझे बता दें तो मैं मान लूँगा<br />कि आप ने जिन्दगी को ठीक समझ लिया<br />नहीं आता तो मुझसे पूछ लेना..मुझे आपका<br />पक्का पता है कि आपको नहीं पता..यदि ऐसा<br />होता तो आपका लेखन ही अलग होता..मैं<br />जिन्दगी में दो आदमियों को विशेष अभागा<br />समझता हूँ एक खुशवन्त सिंह दूसरे सुधीर<br />कक्कङसहज समाधि आश्रमhttps://www.blogger.com/profile/12983359980587248264noreply@blogger.com