आपको सुचीत करने मे अतिआनंद हो रहा है की संपुर्ण हिंदी मे हिंदी साहित्य, काव्य एंव चर्चा आदी को समर्पीत जालस्थल शुरू हो चुका है| आपसे निवेदन है की आप उसे देखें और जुड जायें| जालस्थल का पता http://www.hindibhashi.com है|
यहां पर आप अपना साहित्य, काव्य प्रकाशित कर सकते है| किसी विषयपर चर्चा आमंत्रीत कर सकते है| अन्य लोगोंका साहित्य पढ़ कर उसपर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते है|
इस जगह सदस्यनाम हिंदीमे ले सकते है तथा अन्य सदस्योंको हिंदीमे संदेश भेज सकते है|
आप जरूर इस जालस्थल को भेंट दे तथा अपने अन्य मित्रोंको इसके बारें मे बतायें|
अगर चिट्ठाकारी की चकल्लस की बात कर रहे हैं तो सच है। छुटती नहीं है काफिर कीबोर्ड से लगी हुई।
ReplyDeleteमहाशय अब कुछ लिखिए भी!!
ReplyDeleteकब तक तडपाएंगे?? :)
ऐसी बात है तो चखना पड़ेगा.
ReplyDeleteआपको सुचीत करने मे अतिआनंद हो रहा है की संपुर्ण हिंदी मे हिंदी साहित्य, काव्य एंव चर्चा आदी को समर्पीत जालस्थल शुरू हो चुका है|
ReplyDeleteआपसे निवेदन है की आप उसे देखें और जुड जायें| जालस्थल का पता
http://www.hindibhashi.com है|
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http://www.hindibhashi.com
धन्यवाद|
अब हम क्या कहें, हमें सबसे बड़ी खुशी तो यह है कि आपके यहाँ आने से हम सीधे आपसे संवाद कर सकते हैं। ब्लॉग ने हमारे आपके बीच की दूरी खत्म कर दी है।
ReplyDeletejairam kie jairamjikie
ReplyDeleteashok ji aapko 15 august ki lakh
lakh vadaayiaan
kuchh naya ho to sunao
aur hamare jiwan main hasya ras ka mantra jagaao