Tuesday, March 09, 2010

देर कर दी

नदी में डूबते हुए एक आदमी ने
पुल पर चलते आदमी को देखकर
आवाज़ लगाई- बचाओ।

पुल पर चलते आदमी ने
नीचे रस्सी गिराई
और कहा- आओ।

लेकिन डूबता हुआ आदमी
रस्सी पकड़ नहीं पा रहा था,
रह रह कर चिल्ला रहा था-
मैं मरना नहीं चाहता
बड़ी मंहगी ज़िंदगी है,
कल ही तो
ए.बी.सी. कंपनी में
मेरी नौकरी लगी है।

इतना सुनते ही
ऊपर वाले आदमी ने
अपनी रस्सी खींच ली,
और उसे डूबकर मरता देख
अपनी आंखें मींच लीं।

और दौड़ता-दौड़ता
ए.बी.सी. कंपनी आया
हांफते-हांफते उसने
अधिकारी को बताया-
देखिए,
अभी-अभी आपका एक आदमी
डूबकर मर गया है
और इस तरह
आपकी कम्पनी में
एक जगह
ख़ाली कर गया है।
लीजिए, मेरी डिग्रियां संभालें,
बेरोज़गार हूं, मुझे लगा लें।

अधिकारी हंसते हुए बोला-
दोस्त, तुमने देर कर दी
अभी दस मिनिट पहले
हमने ये जगह भर दी।
और इस नौकरी पर हमने
उस आदमी को लगाया है,
जो उसे धक्का देकर
तुमसे पहले यहां आया है।

6 comments:

  1. वाह वाह!
    हमने भी सोचा आगे निकल जाए ,चाहे इसमें कितने सपने कुचल जाए
    पर इन पैरो का क्या करे, जो जकड़े है संस्कारो की ज़ंजीरो से
    तो बस बैठे है निकम्मे से ,हम ना हो सके औरों से

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया अशोक जी ।
    आनंद आ गया ।

    ReplyDelete
  3. व्यंग्य के माध्यम से बेरोजगारी की सशक्त प्रस्तुति

    ReplyDelete
  4. kamaal ker diya aap ne...bahut khub

    ReplyDelete
  5. धकका देने वाला और ठीक उसके बाद पहुंचने वाला, दोनों ही दिल्ली के रहे होंगे क्योंकि कोहनी मारकर आगे बढ़ जाने का इनका यहां कोई सानी नहीं.

    ReplyDelete
  6. बहुत खूब. पुरे भारत में यही हाल है
    लेकिन इंडिया है शाइनिंग, कमाल है भाई कमाल है

    ReplyDelete