Sunday, April 10, 2011

सरकार की बाउंड्री में अन्ना का चौका


(नर्तन और परिवर्तन की पूर्ण क्षमता सिर्फ़ युवाओं में होती है।)

दो अप्रेल ग्यारह का इंडिया गेट

और नौ अप्रेल ग्यारह का जंतर-मंतर,

बताइए क्या थीं समानताएं

क्या है अंतर?

हमने कहा, अच्छा है आपका प्रश्न,

समानता ये कि

दोनों में था जीत का जश्न।

दो को देश में वर्ल्ड कप लाने का,

नौ को देश के कप से

भ्रष्टाचार भगाने का।

दोनों स्थानों पर हाई था

भावनाओं का वोल्टेज,

दोंनों को मिली

चकाचक मीडिया कवरेज।

दोनों टीआरपी बढ़ाऊ थे,

मोबाइल कंपनियों के मुनाफ़े

ग़ज़बढाऊ थे।

युवा ऊर्जा के साथ खड़ी थी हर पीढ़ी,

दोनों मैदान समतल बिना सीढ़ी।

यानी उल्लासावेग का सरलीकरण,

ग़रीब के लिए जटिल समीकरण।

अंतर ये कि दो को क्रिकेट के बहाने

नाचने का मौक़ा था,

नौ को सरकार की बाउंड्री में

अन्ना का चौका था।

प्यारे अन्ना हज़ारे!

सात्विक स्वत:स्फूर्त आक्रोश के कारण

हम साथ हैं तुम्हारे!

परवामदेवोंरामदेवोंनामदेवों

औरदामदेवों से बचना,

ऐसी हो व्यूह-रचना!

11 comments:

  1. एक ओर गांधी विचारक थे खड़े
    दूसरी ओर गांधी समर्थक के खडे
    कही खडे थे महात्मा गांधी
    कहीं अडे थे सोनिया गांधी :)

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  2. पर ‘वाम’देवों ‘राम’देवों ‘नाम’देवों

    और ‘दाम’देवों से बचना,

    ऐसी हो व्यूह-रचना!

    यही सटीक सलाह है ...

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  3. प्यारे अन्ना हज़ारे!

    सात्विक स्वत:स्फूर्त आक्रोश के कारण
    हम साथ हैं तुम्हारे!

    हमारी भी हाज़िरी लगा दी जाये।

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  4. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 12 - 04 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  5. सरकार की बाउंड्री में इस इनिंग में चौका मार कर अन्ना ने अपना सिक्का जमा दिया है अब अगली इनिंग में उनके छक्के का इंतज़ार है जब संसद में यह लोकपाल विधेयक सर्वसम्मति से पास होगा !
    अन्ना जनता अब भी तुम्हारे साथ थी और तब भी तुम्हारे साथ रहेगी ! !

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  6. बहुत खूब!!

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  7. Anna ke choke ko padhkar maja aa gaya.atiuttam rachna.

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  8. Vicharatnak Vyang...
    laajabab..

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  9. बहुत खूब सर,

    रम डॅ;अगन डे;सयाने कपिल-डे ।

    मार्कण्ड दवे ।

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  10. सर आपकी रचना पढ़ना हमेशा अलग अनुभव होता है...
    हमेशा की तरह उत्कृष्ट...
    सादर...

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