Monday, April 18, 2011

याद रखो मौत मुस्कराती नहीं है


(तुम और तुम्हारी मौत एक ही लग्न में जन्म लेते हैं, पर मौत पहले मर सकती है।)

किसी की उम्र कम
किसी की लंबी है,
और मौत महास्वावलंबी है।
अपना निर्णय स्वयं लेगी,
तुम्हारे चिंता करने से
न तो आएगी
न आने से रुकेगी।
चिंता करके
स्वयं को मत सताओ,
मौत जब भी फोटो खींचना चाहे
मुस्कराओ।
रौनक आ जाती है फोटो में
तुम्हारी दो सैकिंड की मुस्कान से,
ज़िंदगी भर मुस्कुराओगे तो
कभी नहीं जाओगे जान से।

सुनो! तुम्हारे पैदा होते ही
तुम्हारी मौत भी पैदा हो जाती है।
ठीक उसी घड़ी उसी मुहूर्त
उसी लग्न उसी व़क्त
तुमसे कहीं ज़्यादा मज़बूत और सख़्त।
याद रखना मौत मुस्कराती नहीं है,
कोयल की बोली में गाती नहीं है।
वह तो चील-गिद्ध कउओं की तरह
सिर पर मंडराती है
हंसी उसे आती नहीं है।
दांत फाड़े जब वो तुम मुस्कुराओ,
और जब दहाड़े तुम गुनगुनाओ।

वृद्धावस्था तक
अपनी ताक़त खोने से
वो खोखली हो जाएगी,
उसके दांत बर्फ़ की तरह
पिघल जाएंगे
और वो पोपली हो जाएगी।

तुम फिर भी मुस्कुराते रहे
तो तुमसे बुरी तरह डर जाएगी,
तुम्हारी मौत तुम्हारे सामने ही
मर जाएगी।

13 comments:

  1. ek dam sachhi bat, sachhi salha!

    "jindgi to bewafa he, ek din thukrayegi,
    maut mehbuba he apni, sath lekar jayegi"

    sundar sarthak chintan gurushreshtha

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  2. guru ji... ekdum sachchi baat... dil ko chhoo gayi..

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  3. wah.ekdam sou take ki baat......

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  4. मुस्कराने में दम है । हंसने में हरदम दम है । और ठहाका लगाने में धमाधम है ।
    बढ़िया है जी ।

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  5. भाई वाह ! चक्रधर जी

    मौत की हकीकत से रु-ब-रु कराया आपने

    हमें ज़िन्दगी ,जीना सिखाया आपने !

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  6. चिंता और चिता में एक बिंदु का ही तो अंतर है :)

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  7. उस कैमरा मैन को पहचानेगे कैसे ?

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  8. This comment has been removed by the author.

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  9. बहुत अच्‍छे अपनी मौत का भान होना ही चाहिए क्‍योंकि मौत जीवन का शाशवत सत्‍य हैा

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  10. kitni sahi aur sachchi baat,jaan kr bhi insan,banta rahta hai anjaan,hai, kitna hai nadaan.....

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  11. जिन्दगी भर जलाके इनको चैन कहाँ?
    मेरे शब् को जलाने के लिए
    देखो कितने लोग आये है यहाँ.

    पूरा शब् जलने तक इनको करार कहाँ?
    जब तक राख न हो जाऊं
    कुछ लोग जरूर रुकेंगे यहाँ.

    नाम-ओ निशान मिटाएँ बगैर इनको चैन कहाँ?
    मेरी अस्थियाँ गंगा में बहाने
    कल फिर यही लोग आयेंगे यहाँ.

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