Wednesday, February 24, 2010

मेरी यह तस्वीर श्री रघुवीर चन्द्र ने बनाई है।

मेरी यह तस्वीर हैदराबाद के श्री रघुवीर चन्द्र ने बनाई है। उनको धन्यवाद और बधाई है। इससे क्या कि चित्र में उम्र थोड़ी-सी बढ़ाई है। दुख देते हुए भी चित्र सुखदाई है।

7 comments:

डॉ टी एस दराल said...

अशोक जी , लवस्कार.
शायद तस्वीर भविष्यात्मक रूप से बनाई गई है।
फिर भी सुन्दर लग रही है।

अमिताभ श्रीवास्तव said...

aapko sunta rahaa hu, padhhataa rahaa/ par milna meri kismat me nahi yaa yu kahe aapki kismat me nahi...kher..aapki tasveer..aapki hi he..aour bahut sundar lag rahe he aap.

दिगम्बर नासवा said...

तस्वीर आपकी ही लग रही है ... और बहुर अच्छी लग रही है ... डराल साहब की बात ठीक लगती है ... भविष्य का चित्र है ...

Udan Tashtari said...

चन्दर साहेब भविष्य दृष्टा हैं, उन्हें नमन...बताईये बीस साल बाद का आपका रुप देख पाये वो!! :)


होली मुबारक!

संजय बेंगाणी said...

तस्वीर पर रिंकल-फ्री क्रीम का लेप किया जाय :)

sonal said...

आपके चित्र के रेखांकन में चित्रकार ने आपकी आयु नहीं बल्कि लेखंजगत में आपका अनुभव चित्रित किया है ,वैसे एक कहावत है "दान की बछिया के दांत नहीं गिनते "
होली की शुभकामनाये

NiftyOracle said...

जब होली आयी तब हौले-हौले,
सबने मन के दरवाजे खोले,
बही बयार लिये सुगंधि,
रंगो ने रंग डाले चोले.

कुछ के गम कुछ गहरे थे,
बोतल या भांग से काम लिया,
बोझिल मन को हल्का करके,
दुश्मन को भी सलाम किया.

ये है महिमा है होली की,
होली को सभी प्रनाम करें,
माना नेता तो बस नेता ही है
आज ना उसे बदनाम करें.

महँगाई ने तोड़ी कमर आपकी,
कुछ कम खाओ कुछ गम खाओ,
फ़िज़ूल खरच कुछ कम करलो,
बिगड़ी आदत रस्ते पर लाओ.

होली त्योहार सर्वहारा का,
धनपतियो की दिवाली है,
मत देखो धनपति के धन को,
हो सकता है मन भारी है