(नए के आगमन पर ज़रूरी है कि होने वाली मां खूब खुश रहे)
तुन तुन तुन
तुन तुनतुना,
छुन छुन छुन
छुन छुनछुना,
घर में नया मेहमान आएगा,
उसकी ख़ातिर गुनगुना।
कुछ सकुचा कर
साजन बोला,
ये ले सलाई,
ऊन का गोला,
जरा से मोजे,
जरा सा झोला,
अरी अभी से बुन बुना।
जरा सा कुरता,
जरा सी फरिया,
जरा सी चादर,
जरा सी दरिया,
छोरा होवे या छोकरिया,
बजे हमारा झुनझुना।
गहरी नींद,
चैन की रातें,
फिर अपनेपन की बरसातें,
कथा कहानी
ऊंची बातें,
ओ साजन से सुन सुना।
हाथी लाऊं,
घोड़ा लाऊं,
छुक छुक छुक छुक
रेल चलाऊं,
जो भी आए
खुश हो जाऊं,
मुनिया चाहे मुनमुना।
तुन तुन तुन
तुन तुनतुना।
3 comments:
चुनचुन हो या चुनचुनी...जिसका भी हो या जिसकी भी ... बधाई तो स्वीकारें:)
वाह रे वाह,
क्या खूब चुना।
बहुत सुन्दर गीत है. आज ही भास्कर में पढा.
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