Tuesday, March 29, 2011

गुनगुना तुन तुन तुन तुन तुनतुना



(नए के आगमन पर ज़रूरी है कि होने वाली मां खूब खुश रहे)

तुन तुन तुन

तुन तुनतुना,

छुन छुन छुन

छुन छुनछुना,

घर में नया मेहमान आएगा,

उसकी ख़ातिर गुनगुना।

कुछ सकुचा कर

साजन बोला,

ये ले सलाई,

ऊन का गोला,

जरा से मोजे,

जरा सा झोला,

अरी अभी से बुन बुना।

जरा सा कुरता,

जरा सी फरिया,

जरा सी चादर,

जरा सी दरिया,

छोरा होवे या छोकरिया,

बजे हमारा झुनझुना।

गहरी नींद,

चैन की रातें,

फि अपनेपन की बरसातें,

कथा कहानी

ऊंची बातें,

साजन से सुन सुना।

हाथी लाऊं,

घोड़ा लाऊं,

छुक छुक छुक छुक

रेल चलाऊं,

जो भी आए

खुश हो जाऊं,

मुनिया चाहे मुनमुना।

तुन तुन तुन

तुन तुनतुना

3 comments:

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

चुनचुन हो या चुनचुनी...जिसका भी हो या जिसकी भी ... बधाई तो स्वीकारें:)

प्रवीण पाण्डेय said...

वाह रे वाह,
क्या खूब चुना।

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत सुन्दर गीत है. आज ही भास्कर में पढा.