प्रिय और आदरणीय मित्रो,
इन दिनों समारोहों का सिलसिला अपनी निरंतरता में गतिमान है। इंडिया हैबिटेट सैंटर के स्टाइन सभागार में 11 सितंबर 2008 को सम्पन्न हुई "जयजयवंती वार्षिकोत्सव" में सुश्री पूर्णिमा वर्मन का सम्मान हुआ। उनके लैपटॉप को हिन्दी सॉफ्टवेयरों से सज्जित किया गया। इस अवसर पर स्नेहा चक्रधर ने अपनी गुरु पद्मश्री गीता चन्द्रन के निर्देशन में भरतनाट्यम की ऐसी प्रस्तुतियां दीं जिनमें हिन्दी रचनाओं का प्रयोग किया गया था। इस समारोह की झलकियां देखने की फुरसत आपके पास हो तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
http://www.flickr.com/photos/jaijaivanti/
ये चित्र और उन पर की गई टिप्पणियां पायल की हैं।
लवस्कार
8 comments:
ashok ji aapko aur purnima ji ko bahut bahut badhaaiyan
आदरणीय गुरुवर!
सादर प्रणाम!
शिष्य का सम्मान करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। कृपया निमंत्रण स्वीकारें व शिष्य के ब्लॉग सुमित के तडके (गद्य) पर पधारें। "एक पत्र आतंकवादियों के नाम" आपकी आशीर्वादरूपी टिप्पणी हेतु प्रतीक्षारत है।
चित्र देखे, बहुत अच्छा लगा. पूर्णिमा जी को बधाई.
फ़ोटो अच्छे हैं मतलब पायल जी अच्छी फ़ोटोग्राफ़र हैं और स्नेहा चक्रधर की मुद्राएं बहुत ही लुभावनी हैं अच्छा नृत्य करती होगी। इन फ़ोटोस को हमारे साथ बांटने के लिए आभार
जयजयवँती जेसे अभिनँदन समारोह होने ही चाहीये !
पूर्णिमाजी को बहुत बधाई !!
स्नेहाजी को बधाई और पायल के चित्र , सभी सुँदर !
- लावण्या
इस जयजयवंती के विषय में हमें भी बताइये. ये तो समझ में आया के हिन्दी के उत्थान के लिए हैं. मगर कहाँ है और क्या कार्यक्रम होते हैं?
बढ़िया आयोजन-संयोजन..
मजा आ गया स्लाइड-शो देख कर..
लगा हम भी वहीं पर थे..
खैर...
पूर्णिमा जी को वास्तव में सम्मान मिलना चाहिए. आज से करीब छे सात साल पहले मैं पहली बात उनकी वेबसाइट www.abhivyakti-hindi.org और www.anubhuti-hindi.org पर गया था. वो कविता करने का मेरा पहला प्रयास था और इसकी एकमात्र वजह गुरुदेव श्री अशोक चक्रधर जी का काव्य संग्रह भोले-भाले और चुटपुटकुले था. पूर्णिमा जी ने जब हिन्दी वेबसाइट का शुभारम्भ किया था तब उनकी वेबसाइट को सबसे बड़ा सप्पोर्ट शुषा फॉण्ट का रहा था. मुझे आज भी शुषा फॉण्ट में लिखना पसंद है मगर अब तो हिन्दी लिखने के इतने तरीके और ज़रिये मिलते हैं की पूर्णिमा जी वास्तव में हिन्दी वेबदुनिया की रहनुमा दिखाई देती हैं. पूर्णिमा जी को सादर प्रणाम. हैरानी तो इस बात की है गुरु महाराज श्री अशोक जी का ब्लॉग अब सामने आया है. आपका आशीर्वाद बना रहे इसी कामना के साथ. -अमित माथुर
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