Tuesday, October 07, 2008

निमंत्रण: जयजयवंती साहित्य-संगोष्ठी- 14वीं कड़ी

2 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

हार्ड ड्राइव का हो सामां
हम तो आयेंगे जी रामां

पेन नहीं तो हों पेंसिल ड्राइव
कुछ भी हो पर बनें आर्काइव

खिलखिलाहट होगी तो चहकेंगे
बातें से फूल हंसी के बिखरेंगे

अनुनाद सिंह said...

विजेताओं को बहुत सारी बधाई !

भविष्य की हिन्दी वैसी ही होगी जैसी इसे 'हम' सब बनायेंगे।