Sunday, August 09, 2009
जयजयवंती द्वितीय वार्षिकोत्सव
11 अगस्त 2009, सायं 6:30
स्टाइन सभागार, इंडिया हैबीटैट सैंटर, लोदी रोड, नई दिल्ली
मुख्य-अतिथि : श्री अजय माकन, गृह राज्य मंत्री, भारत सरकार
विशिष्ट अतिथि : श्री वीरेन्द्र गुप्ता, महानिदेशक, आई.सी.सी.आर.
प्रस्तुति : हिन्दी के भविष्य का नक्शा
कविता-पाठ
जापान के सुप्रसिद्ध साहित्यकार
डॉ. तोमिओ मिज़ोकामी को ‘जयजयवंती’ सम्मान
सांस्कृतिक कार्यक्रम, भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद
आप सादर आमंत्रित हैं।
राकेश पांडेय (व्यवस्था) - 9810180765
अशोक चक्रधर, अध्यक्ष, जयजयवंती - 26941616
सौजन्य: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद
पद्मश्री वीरेन्द्र प्रभाकर, चित्र कला संगम एवं श्री गंगाधर जसवानी
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3 comments:
जय गुरुदेव, जयजयवंती से लिए बधाई. एक व्यथा है पढियेगा,
मेट्रो स्टेशन की पार्किंग बंद है, लाल किले के आस-पास का एक किलोमीटर तक का इलाका बंद है. कनौट प्लेस की लगभग सभी बिल्डिंग्स में सुरक्षा के लिए की जाने वाली चेकिंग दुगुनी कर दी गयी है. सड़क पर जहाँ-तहां पुलिस और सीआरपीऍफ़ के जवान गश्त कर रहे हैं. दिल्ली के किसी भी संभ्रांत नागरिक को रोक कर तलाशी ली जा सकती है या सवाल-जवाब किया जा सकता है. सरकारी दफ्तर बंद हैं, जिसकी वजह से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आतंकवादी गतिविधि का ख़तरा लगातार दिल्ली के नागरिको और इमारतों पर बना हुआ है. सबसे बड़ी बात ये की अगर कोई बड़ा हासदा नहीं होता तो सोलह अगस्त के अख़बार में आपको कहीं ना कहीं ये हेडलाइन मिल जायेगी 'पुलिस ने ली राहत की सांस'.
पंद्रह अगस्त यानि जश्न-ए-आजादी कुछ यही मंज़र सामने लाता है. अब आप खुद सोच सकते हैं इतनी मुसीबतों और तकलीफों को देखकर क्या हिंदुस्तान के नागरिक 'आजादी का जश्न' मना पाते हैं? आज हिंदुस्तान के कितने नागरिक हैं जो सचमुच किसी कौमी त्यौहार पर खुश होते हैं? अपनी कौम और उसकी अस्मत के लिए जान लगा देने वाले सिपाहियों के लिए सर्कार से दो पैसे नहीं निकलते मगर जब छब्बीस जनवरी की परेड निकालनी होती है तो करोडो रूपया बर्बाद कर दिया जाता है.
मेरे विचार से हिंदुस्तान की आजादी जो आज से हजारो दिन पहले मिल चुकी है एक खूबसूरत लम्हा था जो हिन्दुस्तानियो के सीनों में हमेशा के लिए अमर हो चूका है. इस लम्हे को एक हसीं याद बना लेना चाहिए और हिंदुस्तान की तरक्की और बेहतरी के लिए काम करना चाहिए. -जय हिंद
एक बार आर्शीवाद ज़रूर दीजियेगा. कमेन्ट कीजिये, ना कीजिये. पर ज़रूर पढियेगा.
http://dilliwala.wordpress.com
श्री मान अमित माथुर जी आपने गुरु जी के ब्लॉग पर टिप्पणी के बहाने अपना संदेश ही प्रकाशित कर दिया। खैर संदेश के लिए बधाई आपके गुरुदेव के इस शिष्य की ओर से।
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