मेरी यह तस्वीर हैदराबाद के श्री रघुवीर चन्द्र ने बनाई है। उनको धन्यवाद और बधाई है। इससे क्या कि चित्र में उम्र थोड़ी-सी बढ़ाई है। दुख देते हुए भी चित्र सुखदाई है।
aapko sunta rahaa hu, padhhataa rahaa/ par milna meri kismat me nahi yaa yu kahe aapki kismat me nahi...kher..aapki tasveer..aapki hi he..aour bahut sundar lag rahe he aap.
आपके चित्र के रेखांकन में चित्रकार ने आपकी आयु नहीं बल्कि लेखंजगत में आपका अनुभव चित्रित किया है ,वैसे एक कहावत है "दान की बछिया के दांत नहीं गिनते " होली की शुभकामनाये
इस चक्रधर के मस्तिष्क के ब्रह्म-लोक में एक हैं बौड़म जी। माफ करिए, बौड़म जी भी एक नहीं हैं, अनेक रूप हैं उनके। सब मिलकर चकल्लस करते हैं। कभी जीवन-जगत की समीक्षाई हो जाती है तो कभी कविताई हो जाती है। जीवंत चकल्लस, घर के बेलन से लेकर विश्व हिन्दी सम्मेलन तक, किसी के जीवन-मरण से लेकर उसके संस्मरण तक, कुछ न कुछ मिलेगा। कभी-कभी कुछ विदुषी नारियां अनाड़ी चक्रधर से सवाल करती हैं, उनके जवाब भी इस चकल्लस में मिल सकते हैं। यह चकल्लस आपको रस देगी, चाहें तो आप भी इसमें कूद पड़िए। लवस्कार!
7 comments:
अशोक जी , लवस्कार.
शायद तस्वीर भविष्यात्मक रूप से बनाई गई है।
फिर भी सुन्दर लग रही है।
aapko sunta rahaa hu, padhhataa rahaa/ par milna meri kismat me nahi yaa yu kahe aapki kismat me nahi...kher..aapki tasveer..aapki hi he..aour bahut sundar lag rahe he aap.
तस्वीर आपकी ही लग रही है ... और बहुर अच्छी लग रही है ... डराल साहब की बात ठीक लगती है ... भविष्य का चित्र है ...
चन्दर साहेब भविष्य दृष्टा हैं, उन्हें नमन...बताईये बीस साल बाद का आपका रुप देख पाये वो!! :)
होली मुबारक!
तस्वीर पर रिंकल-फ्री क्रीम का लेप किया जाय :)
आपके चित्र के रेखांकन में चित्रकार ने आपकी आयु नहीं बल्कि लेखंजगत में आपका अनुभव चित्रित किया है ,वैसे एक कहावत है "दान की बछिया के दांत नहीं गिनते "
होली की शुभकामनाये
जब होली आयी तब हौले-हौले,
सबने मन के दरवाजे खोले,
बही बयार लिये सुगंधि,
रंगो ने रंग डाले चोले.
कुछ के गम कुछ गहरे थे,
बोतल या भांग से काम लिया,
बोझिल मन को हल्का करके,
दुश्मन को भी सलाम किया.
ये है महिमा है होली की,
होली को सभी प्रनाम करें,
माना नेता तो बस नेता ही है
आज ना उसे बदनाम करें.
महँगाई ने तोड़ी कमर आपकी,
कुछ कम खाओ कुछ गम खाओ,
फ़िज़ूल खरच कुछ कम करलो,
बिगड़ी आदत रस्ते पर लाओ.
होली त्योहार सर्वहारा का,
धनपतियो की दिवाली है,
मत देखो धनपति के धन को,
हो सकता है मन भारी है
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