माया यू. पी. की बनीं, दावे से सी.एम.,
प्रबल कामना अब जगी, बन जाएं पी.एम.
बन जाएं पी. एम., काम ना होने वाला,
यदि खुंदक का कांटा तुमने नहीं निकाला।
चक्र सुदर्शन देखे, वो ही पी.एम. आया,
जिसने सदा मुलायम बन फैलाई माया।
प्रबल कामना अब जगी, बन जाएं पी.एम.
बन जाएं पी. एम., काम ना होने वाला,
यदि खुंदक का कांटा तुमने नहीं निकाला।
चक्र सुदर्शन देखे, वो ही पी.एम. आया,
जिसने सदा मुलायम बन फैलाई माया।
5 comments:
बढिया....
समय की मांग है तो काँटा निकलने में देर नहीं लगेगी. नेता काँटा चुभा सकता है तो निकाल भी सकता है..
to is jaade me kundaliya ban rahi hai sir ji, badiya hai,hame thand kam lagegi.
गुरु ये कुंडली कुछ ज़मीं नहीं. किसी छोरे छपाटे की होती तो चल जाती पर आपके नाम के हिसाब से तो....
वाह! बड़ा ही मुलायम काँटा है.
wah....aur bas waah..
Post a Comment