Thursday, June 14, 2007

बूता और जूता


क्या कहा

उनको झेलने का बूता?

अजी,

उन्हें तो वही झेल सकता है

जो पहन सकता है

नौ नंबर के पैर में

सात नंबर का जूता।

11 comments:

Udan Tashtari said...

हा हा, बिल्कुल सही कहा आपने!! ये किसी के बस का नहीं.

राजीव रंजन प्रसाद said...

सही कह रहे हैं आप :)
फिर भी लोग ठूस ठूस कर पहन ही लेते हैं
फिर चाल ही टेढी क्यों न हो जाये।

*** राजीव रंजन प्रसाद

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav said...

फिर भी लोग पहनने से बाज़ नही आते हैं,
कभी ऐडी दबाते हैं तो कभी उंगली फ़साते हैं
और फ़िर कहते है!!! यार काट रहा है ।

36solutions said...

बडका भाई हमारे छत्तीसगढ में एक कहावत है मुड बडे सरदार के गोड बडे गंवार के ईसीलिये साते नंबर के जुता पहिनाये रहे हो

संजय बेंगाणी said...

जो दिखा रहे है सेम्पल
सात नम्बर के पैर में
हजार नम्बर की चम्पल!!

कैसे पहने कोई? :)

Kavi Kulwant said...

चक्रधर जी आपके संग मंच पर कभी काव्यपाठ का सुयोग चाहता हूँ।
कवि कुलवंत सिंह
http://kavikulwant.blogpost.com

Mohinder56 said...

नेता यही जुगत तो अपनाते हैं
जो दस नम्बरी होते हुये भी
देश के कर्णधार बनाये जाते हैं

Neelima said...

वाह बहुत खूब अशोक जी आपका अंदाजे बयां ही है कुछ और

Divine India said...

बड़ी टेढ़ी खीर है यह आपकी मंसा भी उधृत हो रही है कैसे अन्यों के वस्त्रों को डाल मात्र लेने से क्या होता है…!!!

Kuldip Gupta said...

वाह वाह

Unknown said...

कम शब्दाें में इतनी बडी बात़़़़ ़़़़ ़ बहुत खूब